दोस्त
बड़े मासूम से थे वो, जब पहली बार मिले थे
हो रही थी रिमझिम सी बरसात, जब पहली बार मिले थे
थी चांदनी की वो रात, जब पहली बार मिले थे
झुकी थी निगाहें, जब पहली बार मिले थे
खामोश थे अल्फाज, जब पहली बार मिले थे
सहमे से अकेले खड़े थे, जब पहली बार मिले थे
दोस्त भी बड़ी नायाब चीज़ होती है
एक दोस्त अपना सब कुछ लुटाने के बाद भी कहता है-
- जब जरूरत पड़े, बस एक आवाज़ लगा देना
मैं वैसा ही मिलूंगा, जैसे हम पहली बार मिले थे।
🙏🙏🙏🙏🙏
#प्रतियोगिता हेतु
दिलावर सिंह
Shashank मणि Yadava 'सनम'
24-Nov-2023 06:18 AM
खूबसूरत भाव और अभिव्यक्ति
Reply
Reena yadav
23-Nov-2023 05:49 PM
👍👍
Reply
Gunjan Kamal
23-Nov-2023 02:16 PM
👏🏻👌
Reply